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29 लाख के गबन के आरोप, बेल्हाडीह के सचिव को पंचायत से किया पृथक

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  • ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच की मांग की
  • जांच अधिकारीयों पर एकपक्षीय जांच करने का ग्रामीणों ने लगाया आरोप

पृथक छत्तीसगढ़/सक्ती।

ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत पर जिला कलेक्टर ने संज्ञान लिया है। 29 लाख के गबन के ग्रामीणों के आरोप के बाद ग्राम पंचायत सचिव घासीराम साहू को पंचायत से पृथक करने की कार्रवाई की गई है। जांच टीम भी पंचायत भवन पहुंची लेकिन शिकायतकर्ताओं की निष्पक्ष जांच की मांग पर जांच करने आए अधिकारी भयभीत और आक्रोसित हो गए और ग्रामीणों पर ही चिल्लाना चालू कर दिया। इस कृत्य से क्षुब्ध ग्रामीणों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को ग्रामीणों ने एक पत्र और दिया है जिसमें बेल्हाडीह में 29 लाख 66 हजार के गबन की उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग की है।

निष्पक्ष जांच हो इसलिए ग्रामीण बनाने लगे वीडियो, लेकिन बिना जांच निकल गई जांच टीम
ग्रामीणों के अनुंसार जनपद पंचायत सक्ती के ग्राम पंचायत बेल्हाडीह में कागजों पर बही विकास की धार की शिकायत पर जांच अधिकारी जांच करने तो पहुंचे मगर मगर जांच के पहले शिकायतकर्ताओं को सूचना तक नही दी गई। जब अचानक से शिकायतकर्ताओं को पता चला की आज भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच होने वाली है। तब कुछ गांव वाले वहां पहुंचे। लेकिन जांच करने आए अधिकारी वीडियों बनाने से नाराज हो गए और गांव वालों के अलावा वहां पहुचे स्थानिय पत्रकारों के साथ भी उलझ गए और जांच अधूरी छोड़कर वहां से निकल गए।

जांच अधिकारीयों की हुई शिकायत
ग्राम पंचायत बेल्हाडीह के ग्रामीणों ने जांच अधिकारीयों पर एकपक्षीय जांच करने का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत में लगभग 29 लाख 66 हजार के कार्य ऐसे हैं जिनकी राशि निकाल ली गई है लेकिन काम धरातल पर नहीं हुए हैं। जिसकी शिकायत कलेक्टर, सीईओ तक की गई। जांच के लिए अधिकारी तो पहुंचते हैं लेकिन उनकी एकपक्षीय जांच से गांव की जनता नाराज है। ग्रामीणों ने जांच अधिकारी की शिकायत करते हुए कहा कि जनपद पंचायत सक्ती में पदस्थ करारोपण अधिकारी तथा अन्य सदस्यों को जांच टीम से हटाकर उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग की है। साथ ही उक्त ग्राम पंचायत की समस्त जांचों से करारोपण अधिकारी को बाहर रखने की मांग भी की गई है।

ग्रामीणों की मांग स्थल जांच कर मौके पर जांच प्रतिवेदन हो तैयार

ग्राम पंचायत बेल्हाडीह में हुए गबन के आरोप पर जांच टीम स्थल निरीक्षण के साथ जांच करे साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि कभी भी जांच टीम के द्वारा स्थल निरीक्षण नहीं किया जाता है। स्थल निरीक्षण होने के बाद ही प्रतिवेदन तैयार और मौके पर हो जिससे गबन करने वाले सचिव व सरपंच के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके, ताकि अधिकारीयों द्वारा बचाया न जा सके।

क्या जांच टीम शिकायतकर्ताओं को कर रही थी गुमराह..?

जहां जांच चल रही थी वहां मौजूद ग्रामीणों ने जांच टीम के सदस्यों पर आरोप लगाया कि जांचकर्ताओं के द्वारा शिकायतकर्ता को घुमाने का प्रयास किया गया। ग्रामीणों ने कहा कि जांच अधिकारीयों के जांच करने के तरीक से ऐसा लगा जैसे वे सरपंच व सचिव को बचा रहे हों। जब पंचायत भवन में होने वाली जांच के नाम पर चल रही लीपापोती का वीडियो ग्रामीणों ने बनना शुरू किया गया तो जांच अधिकारी भड़क गए और गांव वालों का ही वीडियो बनाने लगे। जांच के संबंध में जब निष्पक्षता की बात की गई तो वे अपनी टीम के साथ वहां से रवाना हो गए। शिकायतकर्ताओं ने बताया की जांच में गए अधिकारी पिछले चार बार से ग्राम पंचायत बेल्हाडीह में जांच करने आ चुके है मगर आज तक सही तरीके से एक बार भी जांच नही हुई है। कभी भी जांच करने के लिए पंचायत से बाहर नहीं निकलने का आरोप लगाया है।

ग्राम पंचायत बेल्हाडीह के सचिव को हटा दिया गया है। जांच टीम जांच करने भी गई थी। जांच प्रभावित न हो इसलिए सचिव को हटाया गया है। विवाद की स्थिति न हो इसके लिए पुलिस बल के लिए एसडीएम से मांग की गई है। उसके बाद पुनः टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।

प्रीति पवार सीईओ, जनपद पंचायत, सक्ती