Sanjay Manjrekar: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया की करारी हार और रोहित शर्मा एवं विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन पर पूर्व क्रिकेटर्स ने उन्हें डोमेस्टिक क्रिकेट खेलकर रेड बॉल क्रिकेट के लिए तैयारी करने की सलाह दी. संजय मांजरेकर भी दोनों के प्रदर्शन से नाखुश थे और लगातार उन पर निशाने साधते रहे. वहीं अब एक बार फिर से मांजरेकर ने दोनों दिग्गजों पर निशाना साधा है. उन्होंने यह तक कह दिया कि कुछ बड़े खिलाड़ियों को ज्यादा महत्व देने के चलते भारतीय क्रिकेट पीछे जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि आज भारतीय क्रिकेट को जिस गिरावट का सामना करना पड़ रहा है वैसी ही स्थिति 2011-12 के दौरान भी बनी थी.
आइकन कल्चर और हीरो पूजा के खिलाफ मांजरेकर
मांजरेकर ने साफ-साफ कहा कि भारत में जब बड़े खिलाड़ियों की बात आती है तो फैंस इमोशंस चरम पर होने के चलते तर्कसंगत नहीं रह पाते हैं. संजय मांजरेकर ने लिखा, "इसके पीछे सबसे बड़ा कारण भारत में मौजूद 'आइकन' कल्चर और कुछ खिलाड़ियों की हीरो पूजा है. चाहे 2011-12 हो या अब, मशहूर खिलाड़ी अपने पूरे करियर में जो करते रहे हैं, उसके विपरीत काम करते हुए प्रमुखता से दिखाई देते हैं. जिससे उनके खराब प्रदर्शन के चलते टीम का प्रदर्शन भी नीचे गिरता है'. पूर्व क्रिकेटर ने आगे लिखा, 'जब भारत 2011-12 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया से 0-8 से हारा तो सचिन तेंदुलकर का औसत 35, वीरेंद्र सहवाग का 19.91 और वीवीएस लक्ष्मण का एवरेज 21.06 था. राहुल द्रविड़ का भी ऑस्ट्रेलिया में औसत 24.25 का था लेकिन उन्होंने 76.83 के औसत से रन बनाए थे'.
सिलेक्टर्स को लगता है हम विलेन ना बन जाए
मांजरेकर ने सिलेक्टर्स पर भी सवाल उठाए और कहा कि बड़े खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखाए जाने को लेकर उन्हें डर रहता है कि कहीं वे ऐसा करके विलेन ना बन जाए. मांजरेकर के मुताबिक सिलेक्टर्स का रोल हेड कोच से भी ज्यादा बड़ा होता है और वो काफी अंतर पैदा करता है. मांजरेकर ने लिखा कि, 'हमें यह एहसास नहीं है कि एक चयनकर्ता का काम कितना प्रभाव डालता है, वह किसी भी कोच की तुलना में भारतीय टीम की किस्मत में कहीं अधिक बड़ा बदलाव ला सकता है. चाहे खिलाड़ी कोई भी हो, हमें एक अच्छा फैसला लेने के लिए अजीत अगरकर का काम आसान बनाना होगा. ऑस्ट्रेलिया किसी खिलाड़ी के रिटायर होने का इंतजार नहीं करता है, इससे पहले कि वह एक बड़ा दायित्व बन जाए, उसे बाहर कर दिया जाता है'.