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डगमगा रहा अडानी ग्रुप पर निवेशकों का भरोसा? क्या कहता है प्रमोटर्स का ये कदम

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अडानी समूह पिछले साल से ही कई विवादों में घिरा हुआ है. शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर जब से कुछ संगीन आरोप लगाए इससे संबंधित कंपनियों पर लोगों को भरोसा कुछ डगमगाया हुआ दिखा. हालांकि, शेयरों ने पिछले साल की गिरावट से काफी हद तक रिकवरी कर ली है. लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कंपनी के बड़े शेयरधारक अभी भी ग्रुप पर लोगों का विश्वास फिर से जगाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसका एक बानगी है इसके प्रमोटर्स का ग्रुप की कंपनियों में लगातार निवेश बढ़ाना.

प्रमोटर्स ने जून तिमाही में 23000 करोड़ रुपये अडानी समूह की 5 कंपनियों में निवेश किये हैं. इसके अंबुजा सीमेंट्स अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ग्रीन एनर्जी शामिल हैं. आइए देखते हैं प्रमोटर्स ने किस कंपनी में कितना पैसा डाला है.

अंबुजा सीमेंट्स
इसमें प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 3.59 फीसदी बढ़कर 66.74 से 70.33 फीसदी पर पहुंच गई है. इसे अडानी परिवार द्वारा कंपनी में कैपिटल डालने के एक बड़े प्लान के तौर पर देखा जा रहा है. अडानी परिवार ने कंपनी में अप्रैल में 8339 करोड़ रुपये डाले थे. जबकि इससे पहले 2023 में 6661 करोड़ और 2022 में 5000 करोड़ रुपये का निवेश अडानी परिवार की ओर से अंबुजा सीमेंट्स में हुआ था.

इसके अलावा अडानी एंटरप्राइजेज में प्रमोटर्स ने करीब 7600 करोड़ रुपये डालकर अपनी हिस्सेदारी 2.11 फीसदी बढ़ाकर 74.72 फीसदी कर ली. अडानी ग्रीन एनर्जी में 1.15 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ाकर 57.52 फीसदी कर ली गई. इसमें 3200 करोड़ रुपये डाले गए. अडानी पावर में हिस्सेदारी करीब 1 फीसदी बढ़ाकर 72.71 फीसदी की गई. अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 1917 करोड़ रुपये डालकर हिस्सेदारो को बढ़ाकर 74.94 फीसदी कर लिया गया.

क्या है वजह?
पिछले महीने बिजनेस स्टैंडर्ड ने बाजार के कुछ जानकारों के हवाले से लिखा था कि प्रमोटर्स ऐसा स्टॉक्स के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ाने के लिए कर रहे हैं. कंपनी के कई स्टॉक्स अब पहले से बहुत बेहतर स्थिति में आ चुके हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद ग्रुप की कुल मार्केट वैल्यू 65 फीसदी गिरकर 12.4 लाख करोड़ रुपये से 7 लाख करोड़ रुपये पर आ गई थी. हालांकि, 2023 से लेकर अब तक हालात काफी बदल चुके हैं और अडानी समूह की कंपनियों को टोटल मार्केट कैप 16.7 लाख करोड़ रुपये के करीब हो गया है.