बालोद। शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बालोद के विधि विभाग एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वन वीक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के चौथे दिन, मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. शशिकांत त्रिपाठी, एसोसिएट प्रोफेसर छत्रपति शाहू जी महाराज कानपुर विश्व विद्यालय एवं अटल बिहारी वाजपेई स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज थे। उन्होंने लैंगिक संवेदीकरण विषय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि, भारत में नारियों की पूजा की जाती है, हमारे धर्म शास्त्रों में भी इसका उल्लेख देखने को मिलता है, लेकिन व्यवहारिक रूप से देखा जाये तो समाज में ऐसा बिल्कुल नहीं है। हमारा प्रयास यही होना चाहिए कि, हम मानव समाज में बदलाव कैसे लाएं कि, समाज भी नारी और पुरुष को एक समान दृष्टि से देखने लगे। वही समाज संसार में प्रगति कर सकता है, जो लैंगिक समानता को प्राथमिकता देता है, किन्तु विडंबना है कि, आज भी लैंगिक भेदभाव जारी है, इसलिए हम सभी को इस मुद्दे पर बात करने की आवश्यकता पड़ रही है, वरना अगर यह प्रचलन में नहीं होता तो इस विषय में बात करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। आज महिलाएं हवाई जहाज उड़ा रही है, बड़े-बड़े जहाज चला रही है, लड़ाकू विमान उड़ा रही है, डॉक्टर है, टीचर है, नर्स है, प्रत्येक क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसलिए आज पुरानी दकियासुनी मान्यताओं को तोड़ते हुए महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर देने की जरूरत है, ताकि वह नई ऊंचाइयों में पहुंचकर अपना खुद का मुकाम बना सके। व्याख्यान के पूर्व कार्यक्रम के संयोजक एवं विधि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राघवेश पांडे ने उक्त कार्यक्रम को महत्त्वकांक्षी बताते हुए कहा कि, निश्चित ही आज का विषय, समाज के दृष्टिकोण को बदलने में सहायक होंगी और देश के विकास और प्रगति को नया आयाम देगी। लैंगिक असमानता आज की ज्वलंत समस्या है, और इसे समाजिक जागरूकता से ही दूर किया जा सकता है। महाविद्यालय के अतिथि प्राध्यापक पूनम चंद गुप्ता ने व्याख्यान से पूर्व, आज के अतिथि और मुख्य वक्ता डॉ. शशिकांत त्रिपाठी का परिचय कराया। कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्री पूजा ठाकुर ने किया और आभार प्रदर्शन सुब्रत मंडल अतिथि प्राध्यापक ने किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य प्रो. सीडी मानिकपुरी, प्रो. स्वाति वैष्णव सहायक प्राध्यापक विधि, कार्यक्रम के सह संयोजक डॉ. जैनेंद्र कुमार पटेल सहायक प्राध्यापक विधि एवं कार्यक्रम संचालन समिति के सदस्य पूनम चंद गुप्ता ने सक्रिय रूप से अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।