नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक सनसनीखेज मामले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान मोती राम जाट को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उस पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी साझा करने का गंभीर आरोप है। यह घटना देश की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने की साजिश को उजागर करती है।
जांच में सामने आया है कि मोती राम जाट 2023 से ही पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के संपर्क में था। उसने देश की संवेदनशील और रणनीतिक जानकारी ISI को उपलब्ध कराई, जिसके बदले उसे मोटी रकम मिल रही थी। NIA की जांच के अनुसार यह लेन-देन मुख्य रूप से हवाला के माध्यम से किया जाता था। एजेंसी को शक है कि ISI ने उसे पैसे का लालच देकर अपने जाल में फंसाया और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली सूचनाएं हासिल की।
NIA ने मोती राम को दिल्ली से हिरासत में लिया और उसे पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किया। विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे 6 जून 2025 तक NIA की हिरासत में भेज दिया। NIA ने बताया आरोपी ने पाकिस्तान के कई अधिकारियों को देश की महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारी साझा की है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।
NIA ने मोती राम और उसके परिवार के बैंक खातों की गहन जांच शुरू कर दी है। एजेंसी को संदेह है कि जासूसी के लिए मिलने वाली रकम को वह अपने खाते में न लेकर परिवार के खातों में जमा करवाता था। इसके अलावा जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। NIA ने कहा पूछताछ के बाद इस जासूसी रैकेट के और भी राज खुल सकते हैं।
यह मामला हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और गंभीर हो गया। जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। CRPF ने मोती राम को 21 मई 2025 को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। जब उसकी संदिग्ध गतिविधियां सामने आईं। NIA ने उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (UAPA) की धारा 15, 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया है।