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हाई कोर्ट ने रेलवे से पूछा आम आदमी स्टेशन कैसे आएगा, क्या करते है रेलवे के लोग

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बिलासपुर । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में बिलासपुर रेलवे स्टेशन में आने वाले यात्रियों को होने वाली असुविधा और बदहाल सडक़ को लेकर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डबल बैंच में सुनवाई के दौरान इस मामले में नाराजगी जताई। मुख्य न्यायाधीश ने कहा आम आदमी कैसे आएगा..? क्या दिक्कत हो रही है..? क्या करते हैं ये लोग..? आप अपना निर्माण का काम करें, लेकिन आम आदमी को असुविधा हो रही है..। कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बिलासपुर रेलवे स्टेशन से सटी सडक़ बिलासपुर के लोगों के लिए खतरा बन गई है क्योंकि इसकी स्थिति बहुत दयनीय है। स्थानीय लोगों ने कई बार रेलवे के अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। जिससे उस सडक़ पर चलने वाले लोगों के साथ-साथ सडक़ के आसपास रहने वाले लोगों को भी धूल के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। दरअसल बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास गजरा चौक से शारदा मंदिर तक की सडक़ पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। इस सडक़ पर एक छोर से दूसरे छोर तक दिखाई देने वाले बड़े-बड़े गड्ढे चीख-चीख कर अपनी दुर्दशा की कहानी बयां कर रहे हैं। बारिश के दिनों में जहां उक्त सडक़ तालाब में तब्दील हो गई थी, वहीं वर्तमान में वाहनों के पीछे उडऩे वाली धूल से दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है । हालत यह है कि 24 घंटे लोग इसी धूल भरी सडक़ से शहर या रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं। इस सडक़ पर एक नहीं बल्कि अनगिनत बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिसके कारण लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इस सडक़ पर सफर करने को मजबूर हैं। क्योंकि नयापारा के लोगों के अलावा कोरमी, बसिया, हरदीकला टोना सहित दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को इस सडक़ पर सफर करना पड़ता है। पिछले दो वर्षों से बारिश के कारण सडक़ क्षतिग्रस्त हो गई है, लेकिन लोगों की परेशानी की ओर किसी का ध्यान नहीं है और न ही किसी को परवाह है। सिरगिट्टी समेत ग्रामीण क्षेत्रों से रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए यही दो सडक़ें हैं, लेकिन लोग इस रास्ते से आने-जाने से कतराते हैं। इन दोनों जर्जर सडक़ों का इस्तेमाल करना लोगों की मजबूरी बन गई है।
वहीं सुनवाई के दौरान दूसरी रिपोर्ट में बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को होने वाली असुविधा के बारे में बताया गया है, जिसके कारण प्लेटफार्म क्रमांक 1 पर मालगाडयि़ों को जाने दिया जा रहा है, जबकि यात्री गाडयि़ों को अन्य प्लेटफार्म अर्थात प्लेटफार्म क्रमांक 2 से 5 पर भेजा जा रहा है। इस पूरे मामले में हाइकोर्ट ने निर्देश दिया कि वर्तमान दोनों मामले के साथ टैग किया जाए। वहीं कोर्ट ने तथ्यों और स्थिति को देखते हुए, बिलासपुर मंडल रेल प्रबंधक को अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है।