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जमीन नामांतरण के लिए 15 हजार की रिश्वत मांग रहे क्लर्क को लोकायुक्त ने पकड़ा

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रतलाम: लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने रतलाम जिले के नामली नगर स्थित नायब तहसीलदार कार्यालय में कार्यरत लिपिक प्रकाश पलासिया को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत की गई है। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। 

यह था पूरा मामला

शिकायतकर्ता गणपत हाड़ा ने अपनी जमीन के नामांतरण के संबंध में नायब तहसीलदार कार्यालय के लिपिक प्रकाश पलासिया से संपर्क किया था। इसके बाद लिपिक ने जमीन नामांतरण आवेदन निरस्त करने के लिए गणपत से रिश्वत की मांग की। गणपत हाड़ा की शिकायत पर उज्जैन लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गणपत को जानकारी मिली कि जितेन्द्र जाट ने अपनी जमीन के नामांतरण के लिए आवेदन किया था, जबकि दोनों के बीच विवाद चल रहा था। गणपत ने पहले भी शिकायत की थी कि जितेन्द्र के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज है, जो न्यायालय में चल रहा है। 

लोकायुक्त ने योजना बनाकर पकड़ा

प्रकाश पलासिया ने गणपत से कहा कि यदि वह जितेन्द्र से ज्यादा पैसे देगा तो वह जितेन्द्र का आवेदन निरस्त कर देगा। गणपत ने पहले तो 5000 रुपए दिए और कहा कि बाकी पैसे बाद में दे देगा। फिर गणपत को शिकायत की पुष्टि के लिए जितेन्द्र के पास भेजा गया। गणपत ने जितेन्द्र से बात कर 15 हजार रुपए का इंतजाम कर लिया। गणपत ने जब कार्यालय जाकर लिपिक को 15 हजार रुपए दिए तो लोकायुक्त टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया। इससे पहले आरोपी ने रिश्वत के रुपए ले लिए थे, लेकिन लोकायुक्त निरीक्षक दीपक शेजवार के नेतृत्व में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। 

आरोपी के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की जा सकती है

अब संबंधित अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत जांच चल रही है। लोगों को उम्मीद है कि इससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।