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MCD को बायोमाइनिंग से 360 करोड़ रुपये की बचत, नई टेंडर दरों पर काम शुरू

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MCD ने भलस्वा, ओखला और गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बायोमाइनिंग की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। भलस्वा लैंडफिल साइट पर बायोमाइनिंग का काम करने वाली कंपनी ने सबसे कम रेट भरे थे। पुराने रेट और नए रेट के बीच तुलना की जाए तो इससे MCD को 360 करोड़ रुपये का लाभ हो रहा है।

5-6 कंपनियों ने किया दावा
MCD ने तीनों लैंडफिल साइटों के लिए अलग-अलग टेंडर मांगे थे। एक लैंडफिल साइट पर 5-6 कंपनियों ने दावा किया है। इनमें तीन पुरानी कंपनियां भी शामिल हैं। MCD अधिकारियों का कहना है कि तीनों लैंडफिल साइटों पर इस समय 160 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा हुआ है। भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइट पर कूड़े की बायोमाइनिंग का काम जिन कंपनियों को सौंपा गया था उन्होंने अपना टारगेट पूरा कर दिया। MCD गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बायोमाइनिंग का काम करने वाली कंपनी के काम से संतुष्ट नहीं है।

लजी के आदेश पर फाइनैंशल पावर बढ़ाई गई
MCD तीनों लैंडफिल साइटों का कूड़ा जल्द खत्म करना चाहती है। इसके लिए MCD बायोमाइनिंग के लिए दोबारा टेंडर प्रक्रिया शुरू करना चाह रही थी, लेकिन MCD में स्टैंडिंग कमिटी का गठन न हो पाने के कारण यह अटक रहा था। एलजी के आदेश पर सितंबर 2024 में लैंडफिल साइटों पर कूड़े की बायोमाइनिंग, सीएंडडी वेस्ट और वेस्ट टु एनर्जी प्लांट से जुड़े काम को रफ्तार देने के लिए MCD कमिश्नर की फाइनैंशल पावर बढ़ा दी गई। इसके बाद MCD ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करने पर काम शुरू कर दिया।

30 लाख मीट्रिक टन कूड़ा
MCD अधिकारियों ने बताया कि भलस्वा लैंडफिल साइट सहित बाकी दोनों लैंडफिल साइटों के लिए कंपनी को पहले 30 लाख मीट्रिक कूड़े का टेंडर दिया जाएगा। इसके लिए 18 महीने का टारगेट रखा गया है। निर्धारित समयसीमा के भीतर टारगेट पूरा होने के बाद ओखला लैंडफिल साइट के लिए 10 लाख मीट्रिक टन और बाकी दोनों लैंडफिल साइटों के लिए 15-15 लाख मीट्रिक टन कूड़े की बायोमाइनिंग का काम सौंपा जाएगा।

360 करोड़ की बचत
MCD अधिकारियों ने बताया कि अभी तक कंपनियों को 750 रुपये प्रतिटन के हिसाब से भुगतान किया गया, लेकिन नई टेंडर प्रक्रिया में रेट काफी डाउन गए हैं। भलस्वा लैंडफिल साइट के लिए 423 प्रति टन, ओखला लैंडफिल साइट 405 रुपये प्रति टन और गाजीपुर लैंडफिल साइट के लिए 493 रुपये प्रतिटन के हिसाब से भुगतान करना होगा। इससे MCD के तीनों लैंडफिल साइट की बायोमाइनिंग से 360 करोड़ रुपये बचेंगे। इतना ही नहीं अधिकारी ने बताया कि सिंघोला में सिल्ट की बायोमाइनिंग का काम भी 513 रुपये प्रतिटन के हिसाब से दिया गया है।