पृथक छत्तीसगढ़ / सरायपाली।
ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत भूमि सुधार कार्यों में मशीनों के उपयोग का मामला फिर से सुर्खियों में है।जनपद पंचायत सरायपाली के अंतर्गत ग्राम पंचायत भगत सरायपाली में मनरेगा योजना से स्वीकृत भूमि सुधार कार्यों में मशीनों का अवैध रूप से उपयोग किया गया है। इस तरह के कार्यों में जेसीबी और ट्रैक्टर जैसी भारी मशीनों के उपयोग की अनुमति नहीं होती, क्योंकि योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार यह पूर्णतः प्रतिबंधित है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को रोजगार प्रदान करने के लिए बनाई गई है, लेकिन कुछ जगहों पर मजदूरों के हक को नजरअंदाज कर, मशीनों का उपयोग करके नियमों की अवहेलना की जा रही है।
ग्राम पंचायत भगत सरायपाली में भूमि सुधार कार्य 1. पवित्रो / परसराम, 2. घसिया / बालक राम , 3. सनत कुमार / फकीरों एवम् मेड बंधान कार्य मदन / नीलकंठ मनरेगा योजना में स्वीकृत कार्यों में मशीनों से कार्य कराए जाने की खबरें सामने आई हैं। ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार, इन कार्यों में मशीनों से किए गए कार्यों के निशान स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं, जिससे पता चलता है कि मजदूरों के बजाय मशीनों का उपयोग किया गया। यह स्थिति न केवल योजना के उद्देश्यों के खिलाफ है, बल्कि उन मजदूरों के अधिकारों पर भी हनन है, जो इस योजना के अंतर्गत रोजगार की उम्मीद कर रहे थे।चौंकाने वाली बात यह है कि इस काम का ऑडिट भी हो चुका है। परंतु सवाल उठता है कि क्या संबंधित ऑडिटर वास्तव में स्थल पर गए थे, या फिर बिना उचित जांच के केवल रिपोर्ट के आधार पर ऑडिट कर दिया गया? यह स्थिति ऑडिट प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करती है।
इस पूरी घटना से साफ है कि संबंधित अधिकारी और कार्य एजेंसियां मजदूरों के पेट पर लात मारकर मशीनों से काम करा रही हैं और ऊपर से ऑडिट में भी गड़बड़ी की जा रही है। यह गंभीर मुद्दा प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
मनरेगा जैसी योजनाएं ग्रामीण मजदूरों के जीवन में सुधार लाने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए बनाई गई हैं। लेकिन जब इन योजनाओं का सही ढंग से कार्यान्वयन नहीं होता और मजदूरों के अधिकारों का हनन होता है, तो यह हमारे सिस्टम की कमजोरी को उजागर करता है। सरकार और संबंधित अधिकारियों को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि मजदूरों का हक सुरक्षित रहे और योजना का सही लाभ उन तक पहुंचे, जिनके लिए यह बनाई गई है।