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जमीन या प्लॉट बेचने वाले ध्यान दें, टैक्स पर सरकार ने दिए हैं 2 ऑप्शन, आपके लिए कौन-सा बेहतर

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आप जब भी अपनी जमीन या प्रॉपर्टी बेचते हैं तो उस पर टैक्स चुकाना पड़ता है. प्रॉपर्टी बेचने वालों को इसकी जानकारी कम ही होती है कि यह टैक्स कितना बनेगा और कितना भरना होगा, इस टैक्स को बचाना है तो कैसे बचाया जाए. अगर आपने भी हाल-फिलहाल कोई प्रॉपर्टी या जमीन बेची है तो यह खबर आपके लिए बेहद काम ही है. बेहतर होगा कि इसका लिंक बुकमार्क करके रख लें या फिर इसे वॉट्सऐप पर शेयर कर लें.

जब आप अपनी कोई पूंजीगत संपत्ति (जैसे जमीन या प्रॉपर्टी) बेचते हैं और उससे जो भी लाभ कमाते हैं, उसी को कैपिटल गेन कहा जाता है. इस लाभ पर सरकार टैक्स लगाती है. जमीन बेचने पर होने वाले मुनाफे (Capital Gains) पर टैक्स को लेकर सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं. इन्हीं नियमों के हिसाब से आपको टैक्स भरना होता है. कैपिटल गेन दो तरह का होता है- पहला लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG), और दूसरा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG). यदि आपने संपत्ति को खरीदने के बाद 24 महीनों तक रखा तो आपको LTCG टैक्स भरना होगा. यदि 24 महीनों के भीतर ही बेच दिया तो फिर STCG टैक्स देना होगा. यह टैक्स केवल लाभ पर ही लगेगा.

क्या कहते हैं सरकारी नियम
सरकार ने 2024-25 के बजट में पहले अचल संपत्ति की बिक्री पर मिलने वाले इंडेक्सेशन लाभ (मुद्रास्फीति के प्रभाव को समायोजित करना) को समाप्त कर दिया था. हालांकि, वित्त विधेयक 2024 में संशोधन के साथ इस निर्णय को बदल दिया गया. यह संशोधन कहता है कि 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए इंडेक्सेशन लाभ मिलेगा. ऐसे में अब आपके और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) के पास दो विकल्प हैं- आप 12.5 प्रतिशत की टैक्स दर पर बिना इंडेक्सेशन के कैपिटल गेन टैक्स भर सकते हैं या 20 प्रतिशत की टैक्स दर के साथ इंडेक्सेशन का लाभ ले सकते हैं.

कैसे करें LTCG की गणना?
मान लीजिए, आप 2024-25 में एक प्रॉपर्टी को 10,00,000 रुपये में बेचते हैं, जिसे आपने जून 2001 में 2,00,000 रुपये में खरीदा था. अब आप दो तरीकों से LTCG की गणना कर सकते हैं:

इंडेक्सेशन के साथ कैलकुलेशन
खरीद लागत: मुद्रास्फीति के अनुसार समायोजित की गई कीमत 7,26,000 रुपये होगी, जो 2,00,000 रुपये को 363/100 से गुणा करके निकाली जाती है.
लाभ: 10,00,000 रुपये (बेचने की कीमत) – 7,26,000 रुपये (खरीद) = 2,74,000 रुपये.
टैक्स: 20% की दर से टैक्स 54,800 रुपये होगा.

इंडेक्सेशन के बिना कैलकुलेशन
खरीद लागत: 2,00,000 रुपये.
लाभ: 10,00,000 रुपये (बेचने की कीमत) – 2,00,000 रुपये (खरीद लागत) = 8,00,000 रुपये.
टैक्स: 12.5% की दर से टैक्स 1 लाख रुपये होगा.

इंडेक्सेशन के साथ टैक्स की राशि कम होगी, लेकिन आपको 20% की दर से टैक्स भरना होगा. वहीं, इंडेक्सेशन के बिना टैक्स अधिक होगा लेकिन दर 12.5% ​​की होगी. लेकिन यदि आपने लाभ कम कमाया है तो उस सूरत में इंडेक्सेशन के बिना भी आपको कम टैक्स चुकाना होगा. उदाहरण के लिए आपने 2 लाख में खरीदकर 4 लाख रुपये में प्रॉपर्टी बेची तो उस सूरत में टैक्स कैलकुलेशन कुछ इस प्रकार बनेगा-
खरीद लागत: 2,00,000 रुपये.
लाभ: 4,00,000 रुपये (बेचने की कीमत) – 2,00,000 रुपये (खरीद लागत) = 2,00,000 रुपये.
टैक्स: 12.5% की दर से टैक्स 25,000 रुपये बनेगा.

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