Home छत्तीसगढ़ यहॉ नहीं थम रहा भू-माफिया का आतंक, शमशान घाट की सरकारी जमीन...

यहॉ नहीं थम रहा भू-माफिया का आतंक, शमशान घाट की सरकारी जमीन को बेचकर भू-माफिया हो रहे हैं मालामाल, प्रशासन बना मूकदर्शक

12
0
Spread the love

 

  • पृथक छत्तीसगढ़/सक्ती।

सक्ती में भू-माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे स्वयं को कानून समझने लगे हैं और कानून को अपने हाथ में लेकर किसी की भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने से नहीं चूक रहे हैं। ताजा मामला सक्ती के ग्राम सिपाहीमुड़ा से जुड़ा हुआ है। जहां ज़मीन ख़रीद बेच का बड़ा मामला का प्रकाश में आया है। सरकारी तंत्र की मिलीभगत से कारोबारी सरकारी जमीन को करोड़ों में बेच रहे हैं।

दरअसल, पूरा मामला सक्ती जिले के ग्राम सिपाहीमुड़ा में स्थित शासकीय भूमि मद छोटे झाड़ का जंगल घास की श्मशान घाट की जमीन का है शिकायतकर्ता के अनुसार पुर्व में छोटे झाड़ के जंगल घास की श्मशान घाट भविष्य के लिए सुरक्षित भूमि जिसका खसरा नं. 2 रकबा 1.12 एकड़ भूमि मिसल बन्दोबस्त वर्ष 1929-30 ई. एवं निस्तार पत्रक अनुसार चराई के लिए मुकर्रर किया गया था उक्त भूमि खसरा नं. 2 रकबा 1.12 एकड़ भूमि को तत्कालीन तहसीलदार एवं हल्का पटवारी द्वारा सांठ-गांठ कर राजस्व रिकार्ड में हेर-फेर कर खसरा नं.-2 का बटांकन कर खसरा नं. 2/1 रकबा 1.00 एकड़ छोटे झाड़ का जंगल घास मद छ.ग. शासन में दर्ज कर खसरा नं 2/2 रकबा 0.12 एकड़ ना.बा. विष्णु पिता आलास कुमारी पति-फिरतू हरिशंकर पिता-फिरतू कंवर के नाम पर दर्ज कर तीन अलग-अलग आदिवासी क्रेताओं को विक्रय कर नामांतरण कर भूमि स्वामी मद में दर्ज कर तत्कालीन तहसीलदार एवं हल्का पटवारी द्वारा मोटी रकम लेकर तीन अलग-अलग क्रेताओं के नाम किसान किताब एवं राजस्व रिकार्ड में दर्ज कर दिया गया है। शिकायतकर्ता ने कहा कि उक्त भूमि अगर शासकीय मद में दर्ज था मिसल में तो कब उसका पट्टा प्रदान किया गया है और कब उक्त भूमि के विक्रय की अनुमति सक्षम अधिकारी से ली गई है या नहीं। आवेदक की उपस्थिति में जांच कराकर दोषी अधिकारी कर्मचारी पटवारी पर कार्यवाही करने की मांग की गई है।

सुलगते सवाल, जवाब देगा कौन..?

सवाल उठता है कि सरकारी ज़मीन पर वे लोग मालिक कैसे बने ये बड़ा सवाल है। इस बात को लेकर शिकायतकर्ता ने डीएम सक्ती को आवेदन देकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। आवेदक का दावा है कि भूमाफिया एवं सरकारी कर्मचारी के गठजोड़ से सरकारी ज़मीन को कब्जा करने का खेल खेला गया है। सूत्रों की माने तो सरकारी ज़मीन कब्जा कर खरीद फरोक्त की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच हुई तो राजस्व विभाग के कई आला अधिकारी व बड़े नामचीन कारोबारी भी जांच के जद में आ सकते है। वहीं भू माफियों पर कड़ी कार्रवाई नही होने से सक्ती जिला मुख्यालय सहित आसपास के ग्राम पंचायतों में भू माफियों का आतंक बढ़ता जा रहा है, वहीं कार्रवाई के नाम पर आला अधिकारी मौन बैठे नजर आ रहे है।