Home छत्तीसगढ़ जिले में कुक्कुट पालन बना आर्थिक उन्नति की राह

जिले में कुक्कुट पालन बना आर्थिक उन्नति की राह

367
0
Spread the love

गोरखनाथपुर की अनिता टोप्पो कर रही सफल कुक्कुट संचालन

सूरजपुर 11 दिसम्बर 2020

पषुपालन विभाग की कुक्कुट पालन योजना से जिले के कई हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है, जिससे आज उनकी आर्थिक स्थिति पूर्व की अपेक्षा काफी बेहतर हुई है। सहायक संचालक पषुपालन विभाग डॉ नारेन्द्र सिंह ने बताया की इस योजना के अंतर्गत विभाग द्वारा हितग्राहियों का चिन्हाकंन कर राज्य शासन के मंषानुसार लाभांवित किया जा रहा है। पिछले वर्षो में योजना का लाभ पाकर कुक्कुट पालन कर रहे हितग्राहियों की जीवन शैली में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला है, और आज वे सफलता पूर्वक कुक्कुट व्यवसाय का संचालन कर रहे हैं, और कई हितग्राही ऐसे भी है, जिन्होनें कुक्कुट व्यवसाय को ही अपना मुख्य आमदनी का जरिया बनाया है, और परिवारिक खर्च भी इसी से चला कर भरण-पोषण कर रहे हैं। पषु चिकित्सकों के द्वारा समस्त हितग्राहियों को समय-समय पर आवष्यक सलाह व परामर्ष दिया जाता है।

            सूरजपुर विकासखंड के ग्राम गोरखपुर की अनिता टोप्पो पिता वैनेदिक टोप्पो सफल कुक्कुट व्यवसाय का उदाहरण पेष कर रही है। इनके यहॉ पषु चिकित्सक श्री महेन्द्र पाण्डे के मार्गदर्षन में पषुधन विकास विभाग की बैकयार्ड कुक्कुट ईकाई योजना से पषुधन विकास विभाग द्वारा प्रदत्त कुक्कुट ईकाई से वर्ष 2017 से कुक्कुट की स्थापना किया गया था। वर्तमान में अनिता के यहॉ ग्रेडेड देसी मुर्गियों, कड़़कनाथ, मुर्गियों, असील मुर्गीयों की संख्या लगभग 1280 हो चुकी है। इनके द्वारा फ्री रेन्ज सिस्टम से बैकयार्ड कुक्कुट ईकाई पालन किया जा रहा है। वर्तमान में इनके पास 20 बत्तख भी हैं। मुर्गियों से प्रतिदिन देषी अण्डे लगभग 50-60 की संख्या में उपलब्ध रहता है, एवं लगभग 580 रूपये प्रतिदिन की आमदनी हो जा रही है। गोरखनाथपुर की अनिता टोप्पो सफल कुक्कुट पालन का उदाहरण पेष कर रही हैं, और आसपास के ग्रामीण आज भी इनसे प्रेरणा लेने पहुॅचते हैं।  ग्रामीण परिवेष में बैकयार्ड कुक्कुट ईकाई भी अनुसूचित जनजाति संवर्ग के लिए एक लाभकारी योजना है।