पृथक छत्तीसगढ़ / सरायपाली।
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से एक अनोखी खबर सामने आई है दरअसल सरायपाली के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कलेंडा के आश्रित ग्राम जोगीदादार का है जहां पिछड़ा वर्ग और आदिवासी जाति के बाहुल्य ग्राम है जहां के ग्रामीण बड़े शान से झंडा फहराया फिर अपने निजी खर्चों से पूरे ग्रामीणों ने पुल का निर्माण कर दिया।
ग्रामीणों की माने तो बरसात के दिनों में गांव टापू में तब्दील हो जाता है जिसके वजह से स्कूली बच्चों के पढ़ाई के साथ साथ एंबुलेंस जैसे जरुरी सुविधा भी नहीं मिल पाता आए दिन बरसात के दिनों में ग्रामीण अपने घर से बाहर निकल नही पाते जिसके वजह से ग्रामीणों को भारी समस्याओं से जूझना पड़ता था वही पूरे ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है ग्रामीणों ने बताया की पिछले 40 वर्षों से शासन प्रशासन से पक्की सड़क और पुलिया बनाने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन आजादी के 78 वें वर्ष पूरे होने के बाद भी अब तक ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाया वही गांव से लगभग 1.5 किलोलीटर की दूरी पर पक्की सड़कें बनी है और गांव से पक्की सड़क को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है जिसमे बरसात के दिनों में वाहन चलना तो दूर ग्रामीणों को चलना भी दुभर हो जाता है कीचड़ से भरी सड़क को अगर कोई ग्रामीण पार भी कर लेता है लेकिन आगे एक नाला को पार करना किसी चुनौती से कम नहीं है रोजाना ग्रामीण अपने जान को जोखिम में डालकर अपने दिनचर्या के लिए निकलने को बेबस है। जिसको लेकर पूरे ग्रामीणों ने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने निजी खर्च से पुलिया बनाने को मजबूर हो गए।