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‘इसको तबतक फांसी पर लटकाए रखना जब…’ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने की ऐसी टिप्पणी, कांप गया दोषी

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की अदालत ने पत्नी तथा तीन बच्चों की हत्या करने के आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश के त्रिपाठी की अदालत ने सुक्रिता केंवट (32), दो पुत्रियों खुशी (पांच) और लिसा (तीन) तथा 18 माह के नवजात पुत्र पवन केंवट की गला दबाकर हत्या करने के आरोप में उमेंद केंवट (34) को फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने इन हत्याओं को बर्बरता की पराकाष्ठा बताते हुए इस मामले को ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ माना है. अदालत ने अपने फैसले में लिखा है कि ‘‘दोषी को फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाये, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाये.’ अभियोजन के मुताबिक, बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत हिर्री गांव निवासी उमेंद केंवट ने चरित्र संदेह को लेकर एक जनवरी 2024 की मध्य रात्रि में अपने मकान में पत्नी सुक्रिता और तीन बच्चों खुशी, लिसा और नवजात पुत्र पवन की रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी थी. घटना के बाद पुलिस ने केंवट को गिरफ्तार कर लिया था. मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने 29 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

हत्या के इस मामले में आरोपी पति को मौत की सजा मिलने से पीड़ित परिवार और उनते वकीलों ने संतोष व्यक्त किया. मामले की पैरवी करने वाले वकील लक्ष्मीकांत तिवारी और अभिजीत तिवारी ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया. इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है. इसके चलते महज 8 महीने के भीतर सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुना दी.