पृथक छत्तीसगढ़/सक्ती।
यु तो केंद्र व छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को लाभ हो इसको लेकर तमाम तरह की योजनाएं चला रही है, और किसानों के हितों के अनुरूप कार्य करते हुए योजनाएं बनाती है परंतु सक्ती जिले में जिम्मेदार अधिकारी शासन की योजनाओं में पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि सक्ती जिले के ग्राम पंचायत पतेरापाली कला में जहां किसानों को सिंचाई की सुविधा का लाभ दिलाने वर्ष 2022 – 23 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत पंद्रह लाख अड़तीस हजार रूपए की लागत से चेक डैम का निर्माण कराया गया था उसमें भारी भ्रष्टाचार किया गया है। भूमि संरक्षण विभाग की निगरानी में ग्राम पंचायत पतेरापाली के सरपंच द्वारा पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार कर उक्त चेक डैम का निर्माण कराया गया है। सूत्रों की मानें तो जिस काम के एवज़ में पंचायत द्वारा लगभग साढ़े पंद्रह लाख रुपये निकाले गये हैं उक्त कार्य मात्र पाँच लाख रुपये में करा बाक़ी राशि का बंदरबाँट कर लिया गया है, साथ ही उक्त कार्य को गांव के ही ठेकेदार गबेल द्वारा कराया गया है।
ग्रामीणों की मानें तो सरपंच पति द्वारा अपने रसूख़ का धौंस दिखा घटिया काम कराया जाता है साथ ही शिकायतों पर भी जाँच नहीं होती है। ग्रामीणों ने बताया कि 15 लाख से अधिक की लागत से बने ग्राम पंचायत पतेरापाली कला के इस स्टॉप डेम में लोहे का उपयोग नहीं किया गया है और ना ही इसमें गुणवत्ता युक्त गिट्टी का उपयोग किया गया है। पूरे डेम में 30 एमएम गिट्टी व बोल्डरों का उपयोग किया है, जबकि जानकारों की माने तो इन कार्य में 20 एमएम गिट्टी का उपयोग किया जाना है। मनरेगा मद से कराए गए इस स्टॉप डैम की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है। जिसका निर्माण कार्य ठेकेदार के द्वारा कराया गया है। ठेकेदार की मनमानी सरपंच सचिव अवैध कमाई के चलते इस तरह से घटिया काम किया गया है तथा क्षेत्र के जन प्रतिनिधि एवं अधिकारियों को ऐसे कार्य की जानकारी तक नहीं है।
सक्ती जनपद क्षेत्र का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि आए दिन इस तरह की अनेक गुणवत्ता हीन सामग्री से पुल, रोड और स्टाप डेम आदि का काम कराया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है। बताया जा रहा है कि कई अधिकारीयों की मिली भगत से यह कार्य संभव हो रहा हैं। जिससे ठेकेदारों के हौसले बुलंद है और इस तरह के मापदण्डो से परे हटकर निर्माण कार्य धडल्ले से किया जा रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि स्टॉप डेम निर्माण की विधिवत जांच कराई जाए। निर्धारित मापदण्डो के अनुरूप स्टॉप डैम का निर्माण कराया जाए। जिससे के उसका सदुपयोग हो सके। जिस तरह से निर्माण कार्य कराया गया है। उसे देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि स्टॉप डेम पहली बरसात में भी टिक पाएगा।
ग्रामीणों की मांग है कि शासकीय राशि का दुरुपयोग करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। इसके अलावा अन्य कार्यों की भी जांच कराई जाए। बता दें कि सरपंच पति और गबेल द्वारा तालाब संरक्षण के नाम पर भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए हैं जिसकी जाँच हेतु तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जनपद सीईओ को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया था लेकिन डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी जाँच नहीं हुई और मामला को विभागीय आधिकारियों द्वारा पूरी तरह से झाड़ पोंछ कर दबा दिया गया। इसी तरह यह चेक डैम भी भूमि संरक्षण विभाग की देखरेख में बिना किसी इंजीनियर के तकनीकी सहयोग के बनाया गया है वहीं उक्त डैम में लोहे का गेट भी नहीं लगाया है साथ ही साथ पिंचिंग भी काफ़ी घटिया की गई है जो बरसात से पहले ही उखड़ गया है।
इस संबंध में आप लोगों की ओर से मामला संज्ञान में आया है, मैं अभी बाहर हूं आने के बाद उक्त स्टॉप डैम के संबंध में नियमनुसार जाँच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
आर एन गंगे, सहायक संचालक भूमि संरक्षण