राजनांदगांव। लोकसभा क्षेत्र राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडे द्वारा डोंगरगढ़ कटघोरा रेल लाइन सहित रेल में अपनी उपलब्धि बताने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने कटाक्ष करते हुए कहा मात्र ज्ञापन देकर अपनी औपचारिक हाजरी लगाने वाले सांसद संतोष पांडे पहले डोंगरगढ़-कटघोरा रेल लाइन की उद्देश्य जो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेसवार्ता के माध्यम से बताया जिसे 27 सितंबर 2018 को तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने सोशल मीडिया में पोस्ट किया, उससे परिचित हो, क्योंकि उससे यह साफ खुलासा हो गया था कि डोंगरगढ़-कटघोरा रेल लाइन छत्तीसगढ़ में कॉल खदानें हैं, उसके कॉल परिवहन को देखते हुए यह योजना लागू की गई है। साथ ही साथ छत्तीसगढ़ के कॉल खनन को जो डेढ़ सौ एमपीपीएस था, उसे ढाई सौ एमपीपीएस करने के उद्देश्य से इस परियोजना को लागू कर अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना उन्होंने अपने प्रेस वार्ता में साबित कर दी थी। वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में 500 करोड़ की राशि स्वीकृत होने के बाद भी कोई कार्य धरातल पर नजर नहीं आ रहा है और तो और छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा अपने बजट में 300 करोड़ का प्रावधान किए जाने की बात को भाजपाई गले फाड़-फाड़ कर दुहाई दे रहे हैं। श्री पांडे कवर्धा में जो रेलवे का बुकिंग काउंटर था, उसे पोस्ट ऑफिस में मर्ज हो जाने से उसको पृथक करने में भी सक्षम नहीं रहे और कर्मचारियों के अभाव में कवर्धा के निवासी रेल टिकट प्राप्त करने के लिए भी निरंतर परेशान होते रहे हैं। डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन में स्टेशनों की दूरी ग्राम से दूरी बड़ी समस्या रही जिसके कारण ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 24 सितंबर 2022 को जनहित को सुविधा उपलब्ध कराने सर्वे में संशोधन हेतु रेल मंत्री को पत्र लिखा, किंतु रेल विभाग जनहित के लिए बेसुध रहा। रेलवे और केंद्र सरकार साढ़े चार साल में योजना पूर्ण करने की बात कही, उसमे कितना अमल कर सकी। साथ ही इस रेल परियोजना के लिए जनहित के लिए क्या किया, सांसद इसका खुलासा करें। क्योंकि 6 अक्टूबर 2018 को करोड़ों का टेंट लगा कर आचार संहिता के दिन भूमिपूजन कर भाजपा श्रेय लिया था, वही नौटंकी अब तक भाजपा व सांसद कर रहे हैं।