Home छत्तीसगढ़ छत्‍तीसगढ़ में सबरिया जाति की अनूठी परंपरा -गर्भ में ही तय हो...

छत्‍तीसगढ़ में सबरिया जाति की अनूठी परंपरा -गर्भ में ही तय हो जाता है रिश्ता

8389
154
Spread the love

रायपुर .छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में आंध्रप्रदेश से करीब सौ साल पहले आकर बसे सबरिया समाज के लोगों की परंपरा अनूठी है। अगर दो परिवार में महिलाएं गर्भवती हैं तो गर्भ में पल रहे बच्चों का विवाह पक्का कर लेते हैं, लेकिन उनमें से अगर दोनों के बच्चे लड़की-लड़की या लड़का-लड़का हो जाते हैं तो रिश्ता अपने आप टूट जाता है। मूलत : इस जाति के लोग पहले शिकार कर जीवन-यापन करते थे, मगर अब खेती व मजदूरी से अपना परिवार पाल रहे हैं।जिले के दर्जनभर गांवों बनाहिल, खोरसी, मुलमुला, कमरीद, बोड़सरा, महंत, मुनुंद, हाथीटिकरा और सुआडेरा समेत अन्य गांवों में ये लोग निवास करते हैं. इनके परिवार में मामा और बुआ के लड़के-लड़कियों से विवाह हो जाता है। इसलिए परिवार के लड़के-लड़कियों की शादी गिने-चुने गांवों में ही होती है। पहले ये कम संख्या में यहां आए थे, मगर धीरे-धीरे इनकी आबादी बढ़ गई है।जिले में सबरिया जनजाति की आबादी करीब दो हजार है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here