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दंतेवाड़ा : ग्राम बड़े गुडरा में बालिकाओं को किया गया ’पीरियड्स’ के प्रति जागरूक

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दंतेवाड़ा : ग्राम बड़े गुडरा में बालिकाओं को किया गया ’पीरियड्स’ के प्रति जागरूक

बालिकाएं हो रही मासिक धर्म के प्रति जागरूक, ताकि सेहत से न हो समझौता, आयरन व फोलिक एसिड है जरूरी

दंतेवाड़ा
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत ग्राम बड़े गुडरा के स्कूलों में छात्राओं को मासिक धर्म (पीरियड्स) के बारे में विगत दिवस जागरूक किया गया। इस जागरूकता अभियान के तहत बताया गया कि मासिक धर्म महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक व महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इसके बारे में खुलकर बात करने में आज भी झिझक महसूस की जाती है। जैसा कि मासिक धर्म एक सामान्य प्रक्रिया है और सभी किशोरी बालिकाओं को इसकी सही जानकारी होना बेहद जरूरी है।
पहली बार पीरियड्स होने पर बालिकाओं में डर, असमंजस और चिंता होना स्वाभाविक है। ऐसे समय में सही मार्गदर्शन से न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जा सकता है, बल्कि वे इस दौरान भी सामान्य जीवन जी सकती हैं। इस तरह सभी किशोरियों को ’’पीरियड्स’’ की सही जानकारी देने में माताएं, बड़ी बहनें, शिक्षिकाएं व अन्य महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि पीरियड्स के दौरान शरीर को अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है। हरी सब्जियां, ताजे फल, दूध, दही, अंडे और सूखे मेवे जैसे पौष्टिक आहार को प्राथमिकता देनी चाहिए, साथ ही पर्याप्त पानी पीते रहना जरूरी है। इसके अलावा छात्राओं को इस अवधि में अत्यधिक मीठे, तले-भुने, मैदे से बने और मसालेदार भोजन से बचने की सलाह दी गई। इसके साथ ही किशोरियों में आयरन की कमी (एनीमिया) को दूर करने के लिए आयरन फोलिक एसिड की नीली गोली सप्ताह में एक बार देना अनिवार्य बताया गया। क्योंकि कई बार  किशोरियों    में आयरन की कमी से कार्य क्षमता में गिरावट, पढ़ाई में ध्यान की कमी, भूख न लगना, शारीरिक विकास में बाधा और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी देखी जाती है। वहीं भविष्य में गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। इसे देखते हुए विभाग द्वारा 10 से 19 वर्ष तक के किशोरियों के लिए ‘साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम’ व्हीआईएफएस के तहत नियमित रूप से आयरन की गोलियां वितरित की जा रही हैं।