भोपाल। स्मार्ट पुलिसिंग के लिए उसे अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने का काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में रेडियो ट्रंकिंग सिस्टम अपडेट किया जा रहा है। अब पुलिस कर्मियों को 800 मेगाहर्ट्ज वाले वायरलेस हैंडसेट सेट से मुक्ति दिलाई जाएगी।
इसके स्थान पर वे ऐसा डिजिटल वायरलेस सेट उपयोग करेंगे, जिसकी कई विशेषताएं होंगी। एक तो उससे कॉलिंग सुविधा भी होगी और उनके माध्यम से पुलिसकर्मियों की लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी। वहीं, उसकी फ्रीक्वेंसी को कोई भी मैच नहीं कर सकेगा।
भोपाल पुलिस के पास 2005 के वायरलेस सेट
न्यूजीलैंड की एक कंपनी से ये वायरलेस सेट मंगाए जा रहे हैं। हालांकि पहले चरण में इसकी शुरुआत इंदौर से की जा चुकी है। दूसरे चरण में भोपाल को पुलिस मुख्यालय ये डिजिटल वायरलेस सेट उपलब्ध कराने जा रहा है। वर्तमान में भोपाल पुलिस 2005 के वायरलेस सेट का उपयोग कर रही है, जिसमें बीते वर्षों में कमी खामियां सामने आई हैं, लेकिन अब नगरीय और ग्रामीण पुलिस नई तकनीक से लैस 350 नए डिजिटल वायरलेस सेट के साथ नजर आएगी।
डायल 100 को मिलेंगे 50 सेट
एक साल पहले इंदौर को यह सेट उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। रेडियो पुलिस के निरीक्षक मनोज बैंस ने बताया कि न्यूजीलैंड की एक टेक कंपनी ने वायरलेस के डिजिटल सेट तैयार किया है। अगले महीने से यह सेट भोपाल में पुलिसकर्मियों के हाथों में नजर आएंगे। 300 छोटे सेट पुलिसकर्मियों को आवंटित किए जाएंगे, जबकि 50 सेट डायल 100 वाहन में लगेंगे।
बैटरी बैकअप अच्छा होगा
पुलिस के पास वर्तमान में मौजूद हैंडसेट 800 मेगाहर्ट्ज पर काम करता है, जबकि नया वायरलेस हैंडसेट डिजिटल फ्रिक्वेंसी पर काम करेगा। फ्रीक्वेंसी को कोई भी व्यक्ति मैच नहीं कर सकेगा और सबसे खास बात सेट पर सुनने वाली आवाज पहले से और बेहतर होगी और इसका बैटरी बैकअप भी अच्छा होगा, जिससे पुलिस का संवाद भी पहले से बेहतर हो सकेगा।
मोटोरोला के हैं पुराने वायरलेस
नए वायरलेस सेट सभी थानों के साथ कियोस्क अधिकारियों और बीट के जवानों समेत सभी डायल 100, चार्ली, बीट प्रभारी और ट्रैफिक स्टाफ को उपलब्ध कराए जाएंगे। बता दें कि मौजूदा वायरलेस सेट की औसत उम्र 10 वर्ष है। 2005 में भोपाल पुलिस को मोबाइल कंपनी मोटोरोला द्वारा निर्मित वायरलेस सेट उपलब्ध करवाए गए थे। कंपनी ने 2015 तक कान्ट्रेक्ट के अनुसार इनका सर्विस मेंटनेंस किया था, उसी वर्ष उनका उपयोग बंद हो जाना था।
इन नए वायरलेस सेटों की खूबियां
वायरलेस सेट पर कॉलिंग सुविधा भी होगी।
पुलिसकर्मियों की लोकेशन ट्रैक की जा सकती है।
गुम हो जाने पर कंट्रोल रूम से ही डिसेबल हो जाएगा।
राजधानी होने के चलते शहर में पुलिस संवाद की व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए। पुराने वायरलेस सेटों की जीवन अवधि पूर्ण हो चुकी है। पुलिस को आधुनिक बनाने की दिशा में डिजिटल वायरलेस सेट अब पुलिसकर्मियों के हाथों में नजर आएंगे।