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बिहार शिक्षा विभाग ने पांच विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों की सैलरी पर लगाई रोक

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बिहार में शिक्षा विभाग ने पांच विश्वविद्यालयों पर बड़ा एक्शन लिया. विभाग ने इन पांच विश्वविद्यालयों की सैलरी और पेंशन पर रोक लगा दी है. सैलरी देने की नई व्यवस्था के तहत यह कार्रवाई की गई है. इसी के साथ विभाग ने राज्य के आठ अन्य विश्वविद्यालयों के लिए करोड़ों रुपये का फंड जारी कर दिया है. इस फैसले के बाद से ही शिक्षकों और कर्मचारियों काफी परेशान है. शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों से पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर कर्मचारियों और शिक्षकों की जानकारी अपलोड करने के लिए कहा था, लेकिन पांच विश्वविद्यालयों ने जानकारी अपलोड नहीं की थी. इस वजह से विभाग ने सैलरी पर रोक लगा दी है. यह राशि नवंबर और दिसंबर की है.

सैलरी और पेंशन पर लगी रोक
पांच विश्वविद्यालयों सैलरी और पेंशन पर रोक लगाई गई है. उसमें पटना विश्वविद्यालय, तिलकामांझी भागलपुर, आरा और मुंगेर विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय शामिल हैं. इसी के साथ विभाग ने राज्य के बाकी आठ विश्वविद्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए सैलरी, सेवानिवृत्त अध्यापकों तथा कर्मियों को पेंशन के लिए 171 करोड़ 96 लाख रुपये का भुगतान जारी कर दिया है.

शिक्षा विभाग ने जारी किए करोड़ों रुपये
शिक्षा विभाग के मुताबिक बुधवार को जिन आठ विश्वविद्यालयों को राशि जारी की गई है. उन संस्थानों ने प्रमाण पत्र दिया है कि उन्होंने जो भी जानकारी पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल दी है,वह सभी जानकारी सही हैं. इस प्रमाण पत्र के पुष्टि के बाद शिक्षा विभाग ने जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा को 13.66 करोड़, दरभंगा को 33.74 करोड़, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया को 25.28 करोड़, पूर्णिया विश्वविद्यालय को 9.64 करोड़, मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय को 01.66 करोड़.

10 नवंबर को जारी किया था निर्देश
इसी के साथ मधेपुरा को 17.62 करोड़, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को 37.7 करोड़ और बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर को 32.66 करोड़ की राशि जारी की हैं. पिछले साल 10 नवंबर को शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालय के कुलसचिवों के लिए निर्देश जारी किया था. शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए नई व्यवस्था शुरू की गई है, जिसमें शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है. अगर ऐसा नहीं होता है, तो उस विश्वविद्यालय की वेतन रोक दिया जाएगा.