हेमंत सोरेन सरकार ने नए साल पर सरकारी और गैर सरकारी कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने सरकारी कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने के साथ-साथ 10 लाख रुपए तक के इलाज का पूरा खर्च उठाने का फैसला किया है. अगर इससे ज्यादा की राशि खर्च होगी तो उस राशि का भुगतान कॉर्पस फंड से दिया किया जाएगा. राज्य सरकार के इस फैसले से लाखों सरकारी कर्मियों, सभी मौजूदा विधायकों, पूर्व विधायकों, अधिवक्ताओं तथा ऐसे तमाम लोगों के परिजनों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा. सरकार इसके लिए कर्मियों के वेतन से 500 रुपए हर महीने की कटौती करेगी. दूसरी ओर गैर सरकारी कर्मियों को इस सेवा का लाभ लेने के लिए हर साल 6 हजार रुपए का भुगतान करना होगा.
15 दिनों के लिए छुट्टी भी मिलेगी
राज्य के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने सरकार के फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि सरकारी कर्मियों और उनके आश्रितों के इलाज का खर्च अगर 10 लाख की राशि से ज्यादा होता है उसका भुगतान कार्पस फंड किया जाएगा. इसके अलावा इस योजना के लाभान्वितों को प्री-हॉस्पिटलाइजेशन और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन प्रक्रिया के 15 दिनों के लिए छुट्टी मिलेगी.
ज्ञानोदय योजना के तहत कंप्यूटर शिक्षा
इसके अलावा सोरेन कैबिनेट ने ज्ञानोदय योजना के तहत सरकारी मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर आधारित शिक्षा के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी. कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने कहा कि ज्ञानोदय योजना के तहत 2024-25 से 2029-30 के बीच 94.95 करोड़ रुपए की लागत से सरकारी मध्य स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा और कंप्यूटर आधारित शिक्षा शुरू की जाएगी. कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
लैटरल नियुक्ति बंद
बैठक में राज्य सरकार की ओर से एक और बड़ा फैसला लिया गया जिसमें सरकारी विभागों में प्राइवेट सेक्टर से संविदा के आधार पर लैटरल नियुक्ति की प्रक्रिया रुक जाएगी. सरकार ने इसके लिए पहले जारी आदेश को निरस्त करने का फैसला किया है. झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार के फैसले के आधार पर अपने कुछ विभागों में लैटरल एंट्री के जरिए नियुक्ति का आदेश जारी किया था. इसी आधार पर सोरेन सरकार ने भी एंट्री के लिए आदेश जारी किया था. केंद्र सरकार के लैटरल एंट्री के फैसले का कांग्रेस ने जमकर विरोध भी किया था.